संविधान की भावना को कई बार कुचला, इमरजेंसी की 49वीं बरसी पर कांग्रेस पर भड़के अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने देश पर इमरजेंसी थोपने के लिए कांग्रेस पर एक बार फिर जमकर निशाना साधा. शाह ने आज मंगलवार को मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल ने एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए संविधान की भावना को कई बार कुचला. साथ ही इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी के दौरान देश के लोगों पर निर्मम अत्याचार किए.

देश में इमरजेंसी लगाए जाने के 49 साल पूरे होने के अवसर पर अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और उन्हें पार्टी का युवराज करार दिया. शाह ने राहुल के बारे में कहा, “वह भूल गए हैं कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाई थी जबकि उनके पिता राजीव गांधी ने संसद में 23 जुलाई 1985 को अपने संबोधन कहा था कि इमरजेंसी में कुछ भी गलत नहीं था.”

अमित शाह ने राजीव गांधी का किया जिक्र
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया X पर अपने एक पोस्ट में कहा, “देश में एक खास परिवार को लगातार सत्ता में बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने कई बार हमारे संविधान की भावना को रौंदा. इंदिरा ने इमरजेंसी के दौरान लोगों पर निर्मम अत्याचार किए.” राहुल के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जिक्र करते हुए शाह ने आगे कहा, “उन्होंने तो यहां तक कहा (23 जुलाई, 1985) था, अगर इस देश का कोई प्रधानमंत्री जो यह महसूस करता है कि किन्हीं परिस्थितियों में इमरजेंसी जरूरी हो गई है, ऐसे में वह इमरजेंसी नहीं लगाता है, तो वह इस देश का प्रधानमंत्री बनने के लायक ही नहीं है. इन लोगों का तानाशाही कृत्य पर गर्व करना यह दिखाता है कि कांग्रेस के लिए परिवार तथा सत्ता के अलावा कुछ भी प्रिय नहीं है.”

अपने एक अन्य पोस्ट में अमित शाह ने कहा, “देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस पार्टी का लंबा इतिहास रहा है. 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस की ओर से लगाई गई इमरजेंसी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.” उन्होंने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे. यही नहीं मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी गई थी. संविधान में बदलाव किए गए और कोर्ट तक के हाथ बांध दिए थे.

देश में 21 महीने लागू रही थी इमरजेंसी
अमित शाह के अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई सभी वरिष्ठ नेताओं ने भी इमरजेंसी लगाए जाने के 49 साल पूरे होने पर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. बीजेपी नेताओं की ओर से कहा गया कि विपक्षी दल द्वारा लोकतंत्र की हत्या करने और उसे बार-बार नुकसान पहुंचाने के लंबे इतिहास में यह सबसे बड़ा उदाहरण है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इमरजेंसी को लेकर कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से 1975 में लगाई गई इमरजेंसी भारतीय लोकतंत्र में एक काला अध्याय है, जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में साल 1975 में 25 और 26 जून की दरम्यानी रात को इमरजेंसी का ऐलान किया गया था, यह इमरजेंसी 21 मार्च 1977 तक (21 महीने) लागू रही. तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इंदिरा के कहने पर संविधान की धारा 352 के अधीन इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी.

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